मुसलमान पक्ष असंतुष्ट,ओवैसी बोले,पांच एकड़ ज़मीन की ख़ैरात नहीं चाहिए

मुसलमान पक्ष असंतुष्ट,ओवैसी बोले,पांच एकड़ ज़मीन की ख़ैरात नहीं चाहिए


अयोध्या में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और मुसलमान पक्ष के वकील ज़फ़रयाब जिलानी ने असंतोष ज़ाहिर किया है.


असदुद्दीन ओवैसी ने राजीव धवन और मुस्लिम पक्ष की बात सुप्रीम कोर्ट में रखने वाले दूसरे लोगों को शुक्रिया कहते हुए अपनी बात शुरू की और फ़ैसले पर असंतोष जताते हुए तथ्यों के ऊपर आस्था की जीत बताया है. वहीं ज़फ़रयाब जिलानी ने कहा है कि वो वकीलों से बात करके पुनर्विचार याचिका दाख़िल करने पर फ़ैसला करेंगे.


इसके उलट उत्तर प्रदेश सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन ज़फ़र फ़ारूक़ी ने फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि वो कोई रिव्यू या क्यूरेटिव पिटीशन के लिए नहीं जाएंगे.


पांच एकड़ ज़मीन की ख़ैरात नहीं चाहिए: ओवैसी


उधर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरह वो भी इससे संतुष्ट नहीं है.


उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट सुप्रीम ज़रूर है पर अचूक नहीं है. ये जस्टिस जेएस वर्मा ने कहा था. जिन्होंने 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को गिराया, आज उन्हीं को सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि ट्रस्ट बनाकर मंदिर का काम शुरू कीजिए. मेरा कहना ये है कि अगर मस्जिद नहीं गिराई गई होती तो कोर्ट क्या फ़ैसला देता?"


ओवैसी ने शीर्ष अदालत की ओर से मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ ज़मीन दिए जाने के फ़ैसले पर भी असहमति जताई.


ओवैसी की कही और अहम बातें


हम अपने क़ानूनी अधिकार के लिए लड़ रहे थे. मुसलमान ग़रीब है और भेदभाव भी उसके साथ हुआ है. लेकिन इन तमाम मजबूरियों के बावजूद मुसलमान इतना गया गुज़रा नहीं है कि वो अपने अल्लाह के घर के लिए पांच एकड़ ज़मीन न ख़रीद सके. हमें किसी को ख़ैरात या भीख की ज़रूरत नहीं है.


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