किसानों के खेतों की भूमि पर माफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से कृषि भूमि हड़पने का मामला आया प्रकाश में

किसानों के खेतों की भूमि पर माफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से कृषि भूमि हड़पने का मामला आया प्रकाश में


कुशीनगर/खड्डा:खड्डा तहसील क्षेत्र के दियारा क्षेत्र में ग्राम मरचहवां किसानों के खेतों की भूमि पर माफियाओं द्वारा फर्जी तरीके से कृषि होम हड़पने का मामला प्रकाश में आया है। बताते चलें कि सूत्र धारक द्वारा बताया जाता है कि खड्डा तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा मरचहवां में खाता संख्या 000288 व 00028 वीरेंद्र पुत्र बंका तिवारी कृषि भूमि है लेकिन कृषि भूमि धारक होते हुए भी उक्त व्यक्ति बेचन पुत्र निजामुद्दीन ग्राम सभा शिवपुर थाना खड्डा का निवासी है या व्यक्ति प्रशासन की मिलीभगत से जोतने बोने नहीं दे रहा है दबंगई का आतंक दिखाकर डरा धमका कर किसान धारा का जमीन हां अपना चाहता है जिस संबंध में तहसील दिवस पर खड्डा थाना क्षेत्र के वीरेंद्र पुत्र बंका तिवारी ग्राम सभा भैंसहां 5/11/ 2019 को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग की थी उसके बाद 6/11 2019 को उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र देकर भी शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उप जिलाधिकारी ने खड्डा थाना अध्यक्ष को स्थल का निरीक्षण कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दिया था लेकिन उचित समय पर जांच कर कार्यवाही नहीं हुई जिसका नतीजा यह रहा कि बीती रात 12/2/ 2020 को बेचन पुत्र निजामुद्दीन ने दबंगई के दम पर 20 से 25 दबंग लोगों के साथ खेत में जाकर जोत बो रहे थे की इसी बीच सिरवाह ने दूरभाष पर दिलीप को सूचना दिया कि आपके खेत में बेचन पुत्र निजामुद्दीन दर्जनों की संख्या में रात के समय में गन्ने की बुवाई कर रहे हैं यह सूचना पाकर भूमि किसी धारक अपने खेत की तरफ गए और खेत के बगल में ही केले की रखवाली कर रहे लालू प्रसाद हरिजन नथुनी प्रसाद राजभर गुलाब गौड़ से जाकर अपनी आपबीती बताई तो सभी लोग हैरान रह गए मौके स्थल पर पहुंचे तो देखा की दबंगई के बल पर दुबई की जा रही है विरोध करने पर असलहे से मारने की धमकी दी गई तो रात का मामला देखते हुए वहां से सभी किसान निकल लिए हद तो तब हो गई की एक ऐसा भी मामला आया जिसमें शंकर पुत्र बन्हु मुशहर आरोप लगाते हुए कहा कि भुम माफिया निजामुद्दीन ने अधिकारीयो की मिली भगत से हमरी भी अवैध रूप से भी कब्जा कर लिया है इस भुम माफिया का यही काम हैं।


संवाददाता खड्डा।
आनंंद मणी त्रिपाठी की रिपोर्ट


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