नेपाल के नए नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का दौर जारी है। मंगलवार को सोनौली सीमा से सटे भैरहवां में मधेशी दलों ने प्रदर्शन किया। नेपाल के 77 जिलों में हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान तराई के 22 जिलों में इसका व्यापक असर देखने को मिला।
मंगलवार को भैरहवां में जनता समाजवादी पार्टी के लोगों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। सभा कर एलान किया कि जब तक नेकपा कोर कमेटी प्रस्तावित अंगीकृत नागरिकता कानून बिल को वापस नहीं लेती, तब तक सड़क से लेकर सदन तक इसका जोरदार विरोध किया जाता रहेगा। किसी भी हाल में इस कानून को लागू नहीं होने दिया जाएगा।
भैरहवा विधायक संतोष पांडेय ने कहा प्रस्तावित अंगीकृत नागरिकता कानून से नेकपा सरकार मधेशी और पहाड़ी जनता को लड़ाना चाहती है। इस कानून से मित्र देश भारत से भी संबंध खराब हो सकते हैं। इस कानून के कारण जिन भारतीय लड़कियों की नेपाल में शादी होगी, उनको नौकरी, विदेश जाने में दिक्कत सहित बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि नेकपा सरकार उन्हें शादी के सात वर्ष बाद नागरिकता देने की बात कह रही है।
उन्होंने कहा कि हम लोगों की मांग है कि पहले जैसी व्यवस्था रहे। एक हाथ से सिंदूर और दूसरे हाथ से नागरिकता की परंपरा चलती रहनी चाहिए। जनसभा में जनता समाजवादी पार्टी के रूपनदेही जिलाध्यक्ष अजय वर्मा, महेंद्र यादव, विद्या यादव, सत्यनारायण गुप्ता सहित तमाम नेता मौजूद रहे।
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