कोरोना वायरस के बाद चीन में एक और नई बीमारी का खतरा हुआ पैदा, संदिग्ध मामला सामने आने के बाद जारी किया अलर्ट

कोरोना वायरस के बाद चीन में एक और नई बीमारी का खतरा हुआ पैदा, संदिग्ध मामला सामने आने के बाद जारी किया अलर्ट


कोरोना वायरस के बाद चीन में एक और नई बीमारी का खतरा पैदा हो गया है. बयन्नुर में बुबोनिक प्लेग का संदिग्ध मामला सामने आने के बाद अलर्ट जारी किया गया है. पीपुल्स डेली ऑनलाइन खबर के मुताबिक प्लेग की रोकथाम और नियंत्रण के लिए सरकार ने थ्री लेवल वार्निंग जारी की है. फिलहाल ये बीमारी कैसे फैली है इसका पता नहीं चल पाया है.


 


चीन में कोरोना वायरस के बाद एक और नई बीमारी


 


स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीमार या मृत मर्मोट मिलने परफौरन सूचित करने को कहा है. साथ ही प्लेग के संक्रमण को फैलानेवाले जीवों के शिकार करने और उन्हें खाने से बचने का निर्देश दिया है. शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक मंगोलिया के खोद प्रांत में बुबोनिक प्लेग के दो संदिग्ध मामले सामने आए थे. दोनों भाइयों ने खरगोश का मांस खाया था. उसके पांच दिन बाद बयन्नुर में इस तरह का मामला सामने आया. स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में इंसानों को महामारी का खतरा है. ये प्लेग शहर में तेजी से फैल रहा है. इसलिए लोगों को चाहिए कि सुरक्षा के प्रति खुद को जागरुक करने की क्षमता विकसित करें. अगर उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित असामनान्य परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है तो इस बारे में बताएं.


 


बुबोनिक प्लेग को लेकर थ्री लेवल वार्निंग जारी


 


अधिकारियों के मुताबिक वार्निंग पीरियड इस साल के अंत तक जारी रहेगी. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक ये बीमारी यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia Pestis) नामक बैक्टीरिया से होती है. यर्सिनिया पेस्टिस एक जूनोटिक बैक्टीरिया होता है जो आमतौर पर छोटे स्तनधारी जीवों और पिस्सुओं में पाया जाता है. बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में इसका लक्षण 1-7 दिन बाद जाहिर होता है. ये बीमारी आमतौर पर पिस्सू के काटने से होती है जो संक्रमित प्राणी जैसे चूहा, खरगोश, गिलहरी, बिल्ली के भोजन पर निर्भर रहता है.


 


मध्य काल में 'ब्लैक डेथ' के नाम से थी मशहूर


 


वैज्ञानिकों के मुताबिक अभी तक मुख्य रूप से दो तरह के प्लेग होते हैं. बुबोनिक और न्यूमोनिक. ये बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे शख्स में नहीं फैलती. हां, अगर बुबोनिक प्लेग फेफड़ों में जाता है तो यह न्यूमोनिक प्लेग हो जाता है. फिर उसके बाद एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की आशंका रहती है. मध्य काल में बुबोनिक प्लेग महामारी को ‘ब्लैक डेथ’ के नाम से जाना जाता था. इसने यूरोप की आधी आबादी का सफाया कर दिया था. एंटी बॉयोटिक्स दवाओं के जरिए अब बीमारी का इलाज संभव है. WHO के मुताबिक बुबोनिक प्लेग के लक्षणों में अचानक बुखार आना, ठंड लगना, सिर और शरीर में दर्द, कमजोरी, उल्टी और मतली शामिल होते हैं.


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