शिवसेना अध्यक्ष व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का कहना है कि उनकी सरकार का भविष्य विपक्ष के नेता पर निर्भर नहीं है। सरकार गिराना है, तो जरूर गिराओ। अभी गिराओ। उद्धव ठाकरे ने यह बात सामना के कार्यकारी संपादक व सांसद संजय राउत द्वारा लिए जा रहे अपने साक्षात्कार के दौरान उनके यह बताने पर कही कि विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़नवीस ने हाल ही में दिल्ली में कहा कि सरकार गिराने का हमारा इरादा नहीं है। उद्धव ने इसी कड़ी में आगे कहा कि उनका इरादा होगा या नहीं होगा। कुछ लोग कहते हैं कि सितंबर-अक्टूबर तक सरकार गिराएंगे। मेरा कहना है कि इंतजार किस बात का करते हो ? अभी गिराओ।
मेरा साक्षात्कार चलने के दौरान ही गिराओ। मैं यहां कोई फेवीकोल लगाकर नहीं बैठा हूं। आपको गिराने-पटकने में आनंद मिलता है। कुछ लोगों को बनाने में आनंद मिलता है, कुछ लोगों को बिगाड़ने में आनंद मिलता है। आपको बिगाड़ने में ही आनंद मिलता है, तो बिगाड़ो। मुझे परवाह नहीं है। गिराओ सरकार। पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फड़नवीस सहकारी चीनी मिलों से जुड़े कुछ नेताओं को लेकर दिल्ली गए थे। वहां उनकी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात हुई थी। संजय राउत ने उक्त सवाल इसी मुलाकात से जोड़ते हुए पूछा था।
इसी साक्षात्कार में उनकी महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार को तीन पहियों वाली सरकार बताए जाने पर उद्धव ने प्रधानमंत्री की बुलेट ट्रेन परियोजना पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे बुलेट ट्रेन और तीन पहिए वाले रिक्शे में चुनना पड़े तो मैं रिक्शा ही चुनूंगा। क्योंकि यह गरीबों की सवारी है। फिर उन्होंने अपने जवाब में ही एक सवाल पूछा कि हमारी तो तीन पहिए की सरकार है। लेकिन केंद्र में कितने पहिए हैं? वहां कितने दलों की सरकार है? उद्धव ने शिवसेना के नेतृत्व में चल रही सरकार में कांग्रेस के असहज होने संबंधी सवाल पर कहा कि उनका यह ‘स्नेहयुक्त’ आक्षेप पहले था, लेकिन मुझसे एक बार मिलने के बाद यह गलतफहमी अब दूर हो गई है।
संजय राउत के यह पूछने पर कि क्या आप पांच अगस्त को श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन में अयोध्या जाएंगे? उद्धव ठाकरे ने कहा कि राममंदिर मुद्दे की पृष्ठभूमि संघर्ष की रही है। जिस जन्मभूमि पर बाबर ने आक्रमण करके मस्जिद बनाई थी, वहां अब राममंदिर बन रहा है। यह सिर्फ हिंदुस्तान ही नहीं, पूरे विश्व में कौतूहल का विषय है। मैं तो अयोध्या जाकर आऊंगा, लेकिन जो लाखों रामभक्त इस अवसर पर वहां उपस्थित रहने के इच्छुक होंगे, उनका आप क्या करेंगे? कई लोगों की वहां जाने की इच्छा होगी। इसलिए आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भूमिपूजन कर सकते हैं।
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