पत्नी को घर से निकाल साली को बना लिया बीवी,आयोग तक से न्याय नहीं मिला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की लगाई गुहार

पत्नी को घर से निकाल साली को बना लिया बीवी,आयोग तक से न्याय नहीं मिला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की लगाई गुहार

 



दक्षिणी दिल्ली में संतान नहीं होने के कारण एक महिला को पति ने घर से निकाल दिया। इससे लहले उसकी नौकरी भी छुड़वा दी। पीड़िता को पुलिस, महिला आयोग और मानवाधिकार आयोग तक से न्याय नहीं मिला तो उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से न्याय की गुहार लगाई है।


महिला ने मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि आप ही एक महिला को उसका मान-सम्मान वापस दिला सकते हैं। पीड़िता की शिकायत पर डिफेंस कॉलोनी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस को दी शिकायत में पीड़िता ने बताया है कि वर्ष- 1997 में हिंदू रीति-रिवाज से उसकी शादी आरके पुरम निवासी युवक से हुई थी। वह फाइनेंस कंपनी चलाता है। कोई संतान नहीं होने के कारण ससुराल वाले उससे मारपीट करते थे।


मां बनने के लिए अपनाया ईसाई धर्म


एक दिन पति ने उससे कहा कि ईसाई धर्म अपना लो तो संतान की प्राप्ति होगी। इसके बावजूद वह मां नहीं बन सकी। वर्ष- 2010 में उसने पीडि़ता से एक सुसाइड लेटर लिखवाया और उसे घर से भगा दिया। उसने पीड़िता की ही छोटी बहन को पत्नी बनाकर घर में रख लिया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में लिखा है कि वर्ष- 2010 से 17 तक मदद के लिए हर दरवाजा खटखटाया, लेकिन कहीं से कोई राहत नहीं मिली। जब वह सीएम के जनता दरबार में गई तो वहां से यह कहकर वापस कर दिया गया कि पुलिस दिल्ली सरकार के अधीन नहीं आती है।


कहा- मोदी जी आपने ही महिलाओं के मान-सम्मान के बारे में सोचा है


 


पुलिस को दी शिकायत में पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित करते हुए महिला ने लिखा है- यह मेरा अंतिम पत्र आपके लिए है। आप जांच का आदेश दे दें तो मुझे मेरा खोया हुआ मान-सम्मान और अधिकार वापस मिल सकता है। आप ही वह नेता हैं जिन्होंने महिलाओं के मान-सम्मान व इज्जत के बारे में सोचा है। आपने ही महिलाओं को इज्जत घर दिया और मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाई है।


पीड़िता ने बताया कि वह पहले महिपालपुर में कार्गो कंपनी में काम करती थीं, लेकिन घर से निकाले जाने के बाद पति कहीं नौकरी नहीं करने देता। हर जगह वह फोन करके उसकी अश्लील वीडियो होने की बात कहकर उसे बदनाम करता है जिससे उसकी नौकरी छूट जाती है। उसे अपने माता-पिता व रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ रही है।


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