सामाजिक व्यवहार एवं आदतों में परिवर्तन से कुपोषण का चक्र तोड़ना है प्राथमिकता:कलेक्टर

सामाजिक व्यवहार एवं आदतों में परिवर्तन से कुपोषण का चक्र तोड़ना है प्राथमिकता:कलेक्टर


कलेक्टर ने ‘नंगत पीला‘ कार्यक्रम को सफल बनाने दिये निर्देष


 


जिले में कुपोषित 12 हजार से अधिक बच्चों को 6 माह में सुपोषित करना है लक्ष्य


 


आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने नंगत पीला कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में जिले के सभी महिला बाल विकास के अधिकारी, सुपरवाईजर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि कुपोषण स्वास्थ्यगत समस्या से अधिक सामाजिक समस्या है, चूंकि एक बच्चा यदि बचपन में कुपोषित रह जाता है तो वह समाज के उत्थान में सक्रिय भूमिका निभाने में असमर्थ रहेगा। बच्चों के मानसिक विकास हेतु 0 से 5 वर्ष की अवधि महत्वपूर्ण होती है। इस दौरान कुपोषण उनके मानसिक विकास को बाधित करता है। कुपोषण को दूर करना शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। ऐसे में सामाजिक व्यवहार एवं आदतों में परिवर्तन कर कुपोषण के चक्र को तोड़ने के लिए नंगत पीला कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।


उल्लेखनीय है कि नंगत पीला कार्यक्रम के तहत् सर्वप्रथम सम्पूर्ण जिले में कुपोषित बच्चों की पहचान की जावेगी। सभी बच्चे जो पहुंचविहीन क्षेत्र अथवा जांच केन्द्रों से दूर रहते है उन्हे केन्द्रों तक जांच हेतु लाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष वाहन का प्रबंध किया जायेगा ताकि बच्चों को केन्द्र तक पहुंचाया जा सके और एक भी बच्चा जांच प्रक्रिया से न बचे। इसके तहत् सम्पूर्ण जिले में 12 हजार बच्चे अब तक कुपोषित पाये गये हैं। इन बच्चों को सतत् निगरानी में रखकर इन्हें चिकित्सकों के परामर्श अनुसार चिकित्सा सुविधा प्रदान की जायेगी साथ ही बच्चों के परिजनों से प्रश्नावली के माध्यम से चिकित्सकों द्वारा बच्चों के कुपोषण से ग्रसित होने के कारणों का पता लगाया जायेगा। कारणों का पता चलने पर ग्राम की मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं नियमित रूप से उन कारणों के प्रति लोगों में जागरूकता का प्रसार करेंगी एवं ऐसी आदतें तथा सामाजिक व्यवहार जिनके कारणों से बच्चों में कुपोषण का प्रसार होता है उनके प्रति लोगों को घर-घर जाकर बताया जायेगा। सामाजिक व्यवहार एवं आदतों में परिवर्तन कर कुपोषण के दंश से जिले के बच्चों को 6 माह के भीतर मुक्त कराने के लिए सघन अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में जिले के सभी स्वास्थ्य अधिकारी, ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारी, आयुष स्वास्थ्य अधिकारी, महिला बाल विकास अधिकारी, सुपरवाईजर, मितानिन, आंगबाड़ी कार्यकर्ताएं, सुपोषण मित्र सभी मिलकर अपनी अपनी अहम भूमिकाएं निभायेंगे।


इस बैठक में चिकित्सा विभाग से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी टीएस कुंवर, डीपीएम सोनल धु्रव, सभी विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी एवं महिला बाल विकास विभाग से जिला परियोजना अधिकारी वरूण नागेश, परियोजना अधिकारी इमरान खान, दीपेश बघेल, स्वस्थ्य भारत प्रेरक आशिफ खान सहित सभी सुपरवाईजर एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। 


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