सफलता की कहानी :-शासन की योजना से लाभान्वित होकर हाॅलर मिल को बनाया आय का जरिया

सफलता की कहानी :-शासन की योजना से लाभान्वित होकर हाॅलर मिल को बनाया आय का जरिया


शासन की योजना से लाभान्वित होकर हाॅलर मिल को बनाया आय का जरिया


 


अब तक आधी ऋण राशि बैंक में कर दी अदा 


 


बीजापुर/ 20अगस्त 2020ः- शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर बीजापुर तहसील अंतर्गत ईटपाल निवासी प्रहलाद नाईक गांव में हाॅलर मिल स्थापित कर खेती-किसानी के साथ ही इसे आय का अतिरिक्त जरिया बना चुका है। प्रहलाद नाईक अपने गांव में हाॅलर मिल के माध्यम से ईटपाल, जैतालूर और मांझीगुड़ा के किसानों तथा ग्रामीणों की धान कुटाई सहित गेहूं, चावल, दाल, रागी इत्यादि की पिसाई का कार्य कर रहे हैं। प्रहलाद नाईक ने बताया कि परिवार के पास केवल ढाई एकड़ कृषि भूमि के मद्देनजर खेती-किसानी के अलावा गांव में ही स्वरोजगार अपनाने की सोच रहे थे। इस बीच वर्ष 2015-16 में अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के अधिकारी ने स्माॅल बिजनेस योजनान्तर्गत स्वरोजगार स्थापित करने की जानकारी देने के साथ ही बैंक के माध्यम से 6 प्रतिशत रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रूपए ऋण उपलब्ध कराये जाने के बारे में बताया। इस योजना के सम्बन्ध में परिवार के सदस्यों तथा मित्रों से चर्चा कर गांव में ही हाॅलर मिल स्थापित करने के लिए आवेदन पत्र जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यालय में जमा कर दिया। इसके बाद उक्त प्रकरण पर 3 लाख रूपए ऋण की स्वीकृति दी गयी। इस ऋण राशि गांव में पूर्व से निर्मित शेड में ही हाॅलर मिल स्थापित किया। प्रहलाद नाईक बताते हैं कि पहले लोग बीजापुर जाकर धान की मिलिंग और गेहूं, चावल, रागी की पिसाई का कार्य करवाते थे। लेकिन जब गांव में ही हाॅलर मिल लग गया तो ईटपाल, जैतालूर सहित मांझीगुड़ा के लोग धान की मिलिंग करवाने के साथ ही गेहूं, चावल, दाल, रागी की पिसाई करवा रहे हैं। जिससे उन्हे घर पर ही स्वरोजगार उपलब्ध हुआ है। प्रहलाद नाईक बताते हैं इस काम से उन्हे हर महीने 5 से 6 हजार रूपए आमदनी होती है। त्यौहार तथा शादी-ब्याह के सीजन में ग्रामीण धान की मिलिंग तथा आटा-दाल पिसाई ज्यादा करवाते हैं तो आमदनी में भी इजाफा होता है। जिसके फलस्वरूप 3 लाख रूपए ऋण राशि में से अब तक एक लाख 56 हजार रूपए ऋण राशि अदा कर चुके हैं। प्रहलाद ने बताया कि अपने परिवार के ढाई एकड़ कृषि भूमि में धान की फसल लेने के साथ ही रबी सीजन के दौरान एक एकड़ रकबा में साग-सब्जी का उत्पादन करते हैं। जिससे 5 सदस्यीय परिवार का आसानी के साथ भरण-पोषण कर रहे हैं, वहीं बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे रहे हैं। प्रहलाद शासन की स्वरोजगार योजना से लाभान्वित होकर गांव घर में ही आय का जरिया मिलने से खुश है और इसके लिए सरकार को साधुवाद दिया।


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