जिलाधिकारी के कुशल नेतृत्व में जनपद में पोषण माह में गतिविधियां जोरों पर

जिलाधिकारी के कुशल नेतृत्व में जनपद में पोषण माह में गतिविधियां जोरों पर


 


सरकारी स्कूलों में बन रही पोषण वाटिका, उगाई जाएगी हरी सब्जियां


एटा। जनपद में 7 सितंबर से शुरू हुए पोषण माह के तहत चलने वाली गतिविधियां जोरों पर हैं। जिलाधिकारी के नेतृत्व में हैं पोषण माह के तहत संबंधित विभाग अच्छा कार्य कर रही है इसके तहत बेसिक शिक्षा आईसीडीएस विभाग द्वारा गंभीरता पूर्वक कार्य किया जा रहा है। हरी सब्जियां बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब सरकारी स्कूलों में पोषण वाटिका लगाई जा रही है। इस बात का की देखभाल कोई और नहीं बल्कि बच्चे खुद करेंगे।यहां उगने वाली सब्जियों का प्रयोग स्कूल के मिड डे मील में इस्तेमाल किया जाएगा। डीपीओ ने बताया कि पोषण माह को सफल बनाने वह बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की स्कूल न्यूट्रिशन गार्डन योजना के तहत जिले में प्राथमिक विद्यालयों में पोषण वाटिका लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक शीतलपुर,ब्लॉक जलेसर,ब्लॉक जैथरा आदि के अनेक प्राथमिक विद्यालयों में पोषण वाटिका लगाई गई हैं।


इन पोषण वाटिका में हरी सब्जियां उगाई जाएगी। पोषण वाटिका का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को मौसमी सब्जियों की उपयोगिता, बच्चों का स्वास्थ्य सुनिश्चित करना व सब्जियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व , प्रोटीन की मात्रा, कार्बोहाइड्रेट की मात्रा व वसा की मात्रा आदि के विषय में जानकारी देना है। इसके साथ ही छात्र-छात्राएं एकजुट होकर पर्यावरण के प्रति भी काम कर सकेंगे।सीडीपीओ जैथरा राजीव कुमार ने बताया कि स्कूल में बनाई जाने वाली पोषण वाटिका के लिए जमीन चिन्हित करने की जिम्मेदारी स्कूल के प्रधानाध्यापक को दी गई है। इसके लिए उचित स्थान जहां सूरज की पर्याप्त रोशनी व खुली जगह को प्राथमिकता दी जाएगी। शहरी क्षेत्रों में दिक्कत होने पर स्कूल की छत पर गमलों और मटको में पौधे उगाने की व्यवस्था की जाएगी। पौधे उगाने में मदद करने के लिए स्कूलों में वर्कशॉप भी आयोजित की जाएंगी।स्कूल को प्राप्त होगी धनराशि पोषण वाटिका के लिए हर स्कूल को 5000 रुपए वार्षिक मिलेंगे। पोषण वाटिका के लिए जमीन की तलाश करने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होगी। हरी व पोषक सब्जियों को ही इस में उगाया जाएगा।इस फैसले से बच्चों को मिलने वाले दोपहर के भोजन की गुणवत्ता भी सुधरेगी। इसके साथ ही गार्डनिंग के प्रति बच्चों की ललक बढ़ेगी।पोषण वाटिका में पालक, लौकी, तोरई, भिंडी, बैगन, शलजम, गाजर, मूली, टमाटर, मेथी, धनिया, शिमला मिर्च, मिर्च, प्याज, चुकंदर, सेम आदि सब्जियां उगाई जाएगी।


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