उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर के थाना क्षेत्र के एक कोचिंग सेन्टर में काफी से चले आ रहे जिस्म फरोसी के कारोबार में संलिप्त लोगों को पुलिस द्वारा छापेमारी के दौरान गिरफ्तार कर मोटी रकम लेकर छोड़ दिये जाने का मामला प्रकाश में आया है जिसे लेकर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है।
सूत्रों के अनुसार यह घटना दो दिन पहले की है। बताया जाता है कि उक्त कोचिंग सेन्टर कोरोना काल में बंद चल रहा है। वर्तमान में इसे अवैध कारोबार के रूप में प्रयोग किया जा रहा है। महीनों सेे इस कोचिंग सेन्टर पर शाम होते ही जिस्म फरोसी के कारोबारी अपने लग्जरी वाहनों से पहुॅच जाया करते थेेl जिसके बारे में स्थानीय पुलिस अंजान नहीं हैं किन्तु इस कारण अनदेखी की जा रही थी कि इसके एवज में उनके सौदा तय थे।बताया जाता है कि इधर तयसुदा रकम पुलिस को नहीं मिल रही थी। इस कारण बीते दिनों नजर गड़ाये थी, जब कोचिंग सेन्टर पर इनके कारोबार शुरू हुयेे तो उस समय पुलिस धमक पड़ी और घेराबंदी कर लिया। इस दौरान कोई धान के खेत में भागा तो कोई सड़क पर लेकिन पुलिस की सक्रियता से उन्हे सफलता नहीं मिली, दर्जन भर युवक व युवतियों के साथ कारोबारी गिरफ्त में आ गये, इन सभी को देर शाम थाने लाया गया।इसकी खबर थाने के दलालों जिनके कृत्य अधिकांश पीड़ितों के न्याय में बाधा रहते है, के द्वारा थानाध्यक्ष से पैरवी की जाने लगी। बताया जाता है कि काफी जद्दोजहद के बाद इस मामले में दूसरे दिन प्रातः साढ़े चार बजे लगभग साढ़े 4 लाख रूपये पुलिस को मुहैया कराकर सभी को छुड़वाया गया।मामला रात्रि का होने के चलते मीडिया में भी नहीं आ सका किन्तु इस अवैध कारोबार और पुलिस के मोटी रकम को लेकर चर्चा का विषय बना है। लोगों का कहना है कि आखिर! इस तरह के कृत्य को कप्तान साहब क्यों नजरन्दाज कर रहे ?
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