पति की हत्या के 14 दिन बाद ही महिला सिपाही ने फांसी लगाकर दे दी जान,यह थी फांसी लगाने का कारण......

पति की हत्या के 14 दिन बाद ही महिला सिपाही ने फांसी लगाकर दे दी जान,यह थी फांसी लगाने का कारण......


 


जनपद फतेहपुर में पति की हत्या के 14 दिन बाद ही महिला सिपाही ने मानसिक तनाव में फांसी लगाकर जान दे दी। उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें पति के हत्यारोपित मायके वालों को कड़ी सजा दिलाने की बात लिखी है।कल्यानपुर थाने के गौसपुर निवासिनी 25 वर्षीय रिंकी राजपूत उरई के अभियोजन कार्यालय में तैनात थी। इसने दो वर्ष पूर्व अपने पड़ोसी मनीष राजपूत से उरई में ही एक मंदिर में प्रेम विवाह किया था। रिंकी पति के साथ उरई के शिवपुर में रहती थी। 14 दिन पहले ही 27 अगस्त को सिपाही के पिता प्रेम सिंह, मामा देशराज व अंकित ने शिवपुर स्थित घर में घुसकर मनीष की चाकुओं से गोद-गोदकर हत्या कर दी थी। हालांकि हत्यारोपितों को उरई पुलिस ने जेल भेज दिया था।पति की हत्या के बाद रिंकी छह माह के बच्चे को लेकर गौसपुर स्थित ससुराल आ गई थी।


पांच सितंबर को वह अपने पति के मामा रामविशाल राजपूत निवासी लोटहा थाना गाजीपुर के यहां आई थी। गुरुवार रात उसने फांसी लगा ली। एसओ कमलेश पाल ने बताया कि पति वियोग से अवसाद में आकर महिला सिपाही ने जान दी है।खुदकुशी करने के पूर्व महिला सिपाही ने जो सुसाइड नोट छोड़ा है, उसमें लिखा है कि मुझ़े क्षमा करना, अब मैं अपने बाबू (पति) के पास जा रही हूं। उसने ससुरालीजनों से पति के हत्यारे पिता, भाई व मामा को सख्त से सख्त सजा दिलाने की बात लिखी है। लिखा कि पति मनीष की इच्छा थी कि बेटे के बड़ा होने पर इसे इंजीनियर बनाएंगे, इसलिए देवर मंजीत उसके छह माह के बेटे शिवांश की अच्छी परवरिश कर इंजीनियर ही बनाना और ससुर विश्वनाथ सिंह लोधी के हिस्से की जमीन में बेटे को हिस्सा भी देना ताकि उसे कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।गौसपुर निवासी रिंकी राजपूत की आॢथक स्थिति ठीक नहीं थी, जिस पर मनीष ही उसकी पढ़ाई लिखाई से लेकर नौकरी के फार्म भरवाने तक का खर्च उठाता था। मनीष के स्वजन कहते हैं कि उस बीच रिंकी के घर वाले कुछ नहीं बोलते थे, लेकिन जब रिंकी सिपाही बन गई और उसकी पहली पोस्टिंग जालौन के रामपुरा में हुई तो रिंकी की शादी कहीं और तय कर दी थी। 


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