सुल्तानपुर। सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से चयनित होकर आये तीन शिक्षक पिछले दो माह से अपने आवंटित विद्यालय एवं जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के बीच त्रिशंकु बन गए हैं। उनके हस्ताक्षर ना तो विद्यालय में मौजूद उपस्थिति पंजिका पर हो पा रही है और ना ही डीआईओएस कार्यालय में ही हो पा रही हैं। ऐसे में शिक्षकों का वेतन भी निर्गत नहीं हो पा रहा है। पीड़ित शिक्षकों ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र लिखकर हस्ताक्षर करवाने की मांग की है ताकि उन्हें वेतन मिल सके।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग से अगस्त 2020 में शिक्षक चयनित होकर आए थे। जिन विद्यालयों में प्रबंधतंत्र प्रभावी नहीं था वहां तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक की ओर से शिक्षकों को ज्वाइन कराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने तदर्थ शिक्षकों के संबंध में एक निर्देश जारी किया था जिसमें कहा था कि नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण होने तक किसी भी शिक्षक का वेतन रोका नहीं जा सकता। इसी को आधार बनाकर नवनियुक्त शिक्षकों के हस्ताक्षर उपस्थिति पंजिका पर नहीं कराए जा रहे हैं। शिक्षक विद्यालय में प्रतिदिन उपस्थित होते हैं लेकिन उनसे ना तो कोई काम लिया जा रहा है और ना ही उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर करने ही दिया जा रहा है।
जनता इंटर कॉलेज बेलहरी में रजनीश कुमार सिंह बतौर इतिहास विषय के प्रवक्ता के रूप में नियुक्ति पाई थी। 28 अगस्त 2020 को कार्यभार ग्रहण के बावजूद न तो विद्यालय और न ही कार्यालय में उपस्थिति स्वीकार्य की जा रही है। यही हाल श्री बजरंग विद्यापीठ इंटर कॉलेज देवलपुर, सहिनवा, में नियुक्त भूगोल विषय के प्रवक्ता श्याम नारायण मौर्य का भी है। उन्होंने 26 अगस्त को कार्यभार ग्रहण किया था। पंडित मोतीलाल नेहरू इंटर कॉलेज प्रतापपुर कमैचा
में राकेश कुमार विश्वकर्मा गणित विषय के सहायक अध्यापक के रूप में 31 अगस्त 2020 को कार्यभार ग्रहण किया था। इन तीनों शिक्षकों के विषय से सम्बंधित तदर्थ शिक्षक आवंटित विद्यालयों में पहले से कार्यरत हैं। इसी वजह से उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर नही कराए जा रहे हैं।
चयन बोर्ड को भेजा गया पत्र
उपस्थिति पंजिका पर हस्ताक्षर न कर पाने वाले शिक्षकों के संबंध में माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को पत्र भेजा गया है। वहां से दिशा-निर्देश मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-जेपी यादव, जिला विद्यालय निरीक्षक।
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