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दिपावली पर दीपदान करने पहुंचे एमसीइए के प्रदेश अध्यक्ष, बौद्ध धर्म में दीपदान का महत्वपूर्ण स्थान है : बीडी नन्द


श्रावस्ती। ऑल इंडिया महापदम नन्द एजुकेटेड एसोसिएशन उत्तर प्रदेश (एमसीईए) के प्रदेश अध्यक्ष बटुकेश्वर दत्त नन्द दीपावली के पावन पर्व पर दीपदान करने सपरिवार शनिवार को श्रावस्ती पहुंचे। इस दौरान बीडी नन्द ने ओडाझार, विश्वशांति घंटा पार्क एवं महेट स्थित अंगुलिमाल स्तूप, अनाथपिंडक स्तूप, संभवनाथ जन्मस्थली तथा सहेट (जेतवन) स्थित संघाराम, गंधकुटी, आनन्द बोधि वृक्ष, राहुल कुटी, उपाली कुटी, शिवली कुटी समेत विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर उनकी ऐतिहासिक जानकारी ली। इसके बाद श्री नन्द अपने परिवार सहित गंधकुटी, आनन्द बोधि वृक्ष एवं उपालि कुटी पर दीपदान कर विश्व शान्ति एवं कोरोना के खात्मे की कामना की। इस दौरान बीडी नन्द ने बताया कि बौद्ध धर्म में दीपदान का बहुत हीं महत्व है। बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए सम्राट अशोक द्वारा बनवाए गए 84 हजार स्तूपों का उदघाटन आज हीं के दिन सम्राट अशोक ने किया था। इस दौरान सभी 84 हजार स्तूपों को ग्रामीणों द्वारा दीपदान कर दीपक से सजाया गया था। वहीं दूसरी तरफ भगवान बुद्ध ज्ञान प्राप्ति के बाद पहली बार कार्तिक पूर्णिमा के दिन हीं अपने गृह नगर कपिलवस्तु पहुंचे थे। तब वहां के नागरिकों ने घी के दीपक से पूरे नगर को सजा कर उनका स्वागत किया था। तबसे दीपदान की परम्परा चली आ रही है। दीपावली पर इस तरह के कई ऐसे संयोग हैं जो सीधे बौद्ध धर्म से जुड़े हुए हैं। जिसकी वजह से बौद्ध धर्म में दीपावली एवं दीपदान का महत्वपूर्ण स्थान है। इस मौके पर तारा देवी नन्दा, पुरुषोत्तम नन्द, सीमा नन्दा, शुभम नन्द, लकी आदि लोग मौजूद रहे।


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