परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी के लिए पखवाड़ा शुरू, 16 महिलाओं की हुई नसबंदी

परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी के लिए पखवाड़ा शुरू, 16 महिलाओं की हुई नसबंदी


बाराबंकी: परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी बहुत कम है। पुरुषों की नसबंदी में भागीदारी बढ़ाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरुष नसबंदी पखवाड़ा की शुरूआत की गई है। कार्यक्रम में आज पहले दिन पुरूषो को पीछे छोड़ते हुए जिले की 16 महिलाओ ने आगे आकर नसबंदी करवाया। इस क्रम में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पुरूषों की भागीदारी बढ़ाने के लिए फ्रंट लाइन वर्कर के सहयोग से प्रचार प्रसार किया गया। यह अभियान परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, जीवन में लाए स्वास्थ्य और खुशहाली ” के नारे के साथ चलाया जाएगा। यह पखवाडा दो चरणों में चलेंगे। प्रथम चरण में मोबिलाइजेशन सप्ताह 21 से 27 नवंबर तक तथा द्वितीय चरण में 28 नवंबर से 4 दिसंबर तक सेवा वितरण सप्ताह मनाया जाएगा।


परिवार नियोजन विशेषज्ञ जुबैर अंसारी ने बताया कि जनपद में पुरूष नसबंदी पखवाड़े की शुरूआत हो गई है। आज पहले दिन 16 महिला नसबन्दी हुई है। यह अभियान परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, जीवन में लाए स्वास्थ्य और खुशहाली के नारे के साथ चलाया जाएगा। पुरुष नसबंदी पखवाड़े का उद्देश्य पुरुष नसबंदी के बारे में समाज में जागरूकता लाना तथा पुरुष नसबंदी को स्वीकार करने के लिए पुरुषों को प्रेरित करना है। इसके लिए प्रथम चरण में दंपती संपर्क चरण आयोजित होगा। इसमें नसबंदी के लिए दंपतियों से संपर्क करके उनको जागरूक किया जाएगा। उसके बाद सेवा वितरण सप्ताह के तहत नसबंदी करने और परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराने आदि के कार्य किए जाएंगे।


अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी डा संजय कुमार ने बताते है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष नबसंदी कम होती है, जबकि पुरुषों को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए नसबंदी करवानी चाहिए। राज्य सरकार की ओर से पुरुष नसबंदी पर जिले में तीन हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। इसके अलावा कोई भी अगर पुरुष को नसबंदी के लिए प्रेरित करता है, उसे भी 300 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। दम्पित्य सम्पर्क सप्‍ताह के दौरान जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर पर कार्यशालाएं होंगी। इस सप्ताह के दौरान पुरुष नसबंदी के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।


इस वर्ष चार पुरुषों की परिवार नियोजन में भागदारी


परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि कोरोना के चलते इस वर्ष परिवार नियोजन की गतिविधियां काफी कम रहीं। जनपद में इस साल अब तक केवल चार पुरुष नसबंदी हुई है। वहीं पिछले वर्ष 14 पुरुष नसबंदी हुई थी। इस बार जिले में पुरुष नसबंदी पखवाड़े के दौरान 14 पुरुषों के नसबन्दी का लक्ष्य रखा गया है।


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