बड़े पैमाने पर विभिन्न राज्यों और दूसरे देशों में होने वाली गो-तस्करी और अवैध बूचड़खाने भी हमें बंद करने थे और इसीलिए हमने हर हाल में गोहत्या रोकी:मुख्यमंत्री

बड़े पैमाने पर विभिन्न राज्यों और दूसरे देशों में होने वाली गो-तस्करी और अवैध बूचड़खाने भी हमें बंद करने थे और इसीलिए हमने हर हाल में गोहत्या रोकी:मुख्यमंत्री


प्रदेश के मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी ने 5- कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर गोपाष्टमी से पहले शनिवार को 'गो-लोक की ओर' पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक का संकलन गो-सेवक एवं विद्या भारती पूर्वीउत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री सौरभ मिश्रा जी के द्वारा किया गया है। इस पुस्तक में गाय और गो-वंश की महत्ता के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह पुस्तक पांच खंडों (प्राच्य खंड, मातृ खंड, कलि खंड, विज्ञान खंड और उपासना खंड) में विभाजित है।


 


मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि 'गो-लोक की ओर' पुस्तक बड़ी सहज और सरल भाषा में है। इस पुस्तक ने गाय और गो-वंश की महत्ता को रेखांकित करते हुए जनसाधारण को जागरूक करने का काम किया है, जो बहुत ही सराहनीय है। उन्होंने कहा कि कल गोपाष्टमी है, हजारों वर्षों से इस परंपरा को मनाते हैं। इसके बावजूद कोई बात जरूर है कि एक ओर हम गाय की पूजा करते हैं, वहीं दूसरी ओर गाय का दूध निकालकर सड़कों पर लावारिस छोड़ देते हैं। कथनी-करनी का भेद हमारे विचार और आचार में स्पष्ट देखने को मिलता है।



उन्होंने कहा कि भारत सनातन काल से ही गाय और गो-वंश की महत्ता को समझता रहा है। सभी देवी-देवताओं का निवास हमने गौ में माना है। यह विश्वास जहां पर रहा हो, वहां पर हम गो-वंश की उपेक्षा करें, यह वास्तव में हमारी कथनी और करनी पर बहुत बड़ा प्रश्न खड़ा करता है। साथ ही बड़े पैमाने पर विभिन्न राज्यों और दूसरे देशों में होने वाली गो-तस्करी और अवैध बूचड़खाने भी हमें बंद करने थे और इसीलिए हमने हर हाल में गोहत्या रोकी है।


 


मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि 2017 में जब मुझे सरकार का नेतृत्व करने का दायित्व दिया गया, उस समय मेरे सामने यह चुनौती थी कि इतने बड़े पैमाने पर सड़क और खेतों पर घूम रहे गोवंश का क्या होगा। सरकार में आने के बाद लावारिस गो-वंश के लिए व्यवस्था करनी थी। मुझे प्रसन्नता है कि वर्तमान में 5.24 लाख गो-वंश सरकार द्वारा संचालित गो-आश्रय स्थलों में हैं। वहीं नगर निकायों द्वारा संचालित कान्हा उपवन में यह संख्या 08 लाख से ऊपर है। मुख्यमंत्री मा. योगी आदित्यनाथ जी ने गाय आधारित कृषि को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों का भी ब्‍यौरा दिया। उन्‍होंने कहा कि देश में खुरपका-मुंहपका रोग से पशुओं को मुक्ति दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी ने 14 हजार करोड़ रुपए के बजट वाली योजना चलाई है। इसके तहत यूपी में रोज पांच लाख पशुओं को टीका लगाया जा रहा है। उन्होंने गाय और गो-वंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रहीं योजनाओं का भी उल्लेख किया।



गोसेवा आयोग के अध्यक्ष प्रो. श्याम नंदन सिंह ने कहा कि गाय की उपयोगिता केवल दूध देने भर नहीं है, जो गाय दूध नहीं देती है, वह भी उपयोगी है। गाय हमारी अर्थव्यस्था की रीढ़ है, हमें समाज को जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि गोसेवा आयोग गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं भी चला रहा है। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ से गौशालाओं में काम आने वाले यंत्रों पर सब्सिडी दिए जाने का अनुरोध किया है।


 


राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के सह संगठन मंत्री श्री संजय जी ने कहा कि हमारे वेदों में गाय को भगवान का दर्जा दिया गया है। जहां गाय दुखी है, वहां वीर जन्म नहीं लेते हैं और उस राष्ट्र का तेज शून्य हो जाता है। उन्होंने बुंदेलखंड में अन्ना प्रथा पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि सीएम योगी के नेतृत्व में इस समस्या का समाधान होगा, ऐसा उन्हें विश्वास है।



कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख श्री सौरभ मिश्रा जी ने किया। उन्होंने 'गो-लोक की ओर' पुस्तक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री सौरभ जी ने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी से अनुरोध किया कि महानगरों में मकान के लिए पास होने वाले नक्शे में गायों के रहने की व्यवस्था करने की अनुमति मिल जाए तो इससे महानगरों में गायों का संरक्षण हो सकेगा। इससे पूर्व सीएम योगी आदित्यनाथ ने 'गो-लोक की ओर' पुस्तक के लेखकों को अंगवस्त्र और मास्क देकर सम्मानित किया। लेखिका कुं.शिवानी मिश्रा जी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को गौ माता की प्रतिमा भेंट की। कार्यक्रम के अंत में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मंत्री डॉ. जय प्रताप सिंह जी ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।


 


इस अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री श्री हेमचंद्र जी, अवध प्रांत के सेवा संयोजक श्री रजनीश पाठक जी, भारतीय शिक्षा परिषद के सचिव श्री दिनेश जी, क्षेत्रीय प्रमुख बालिका शिक्षा श्री उमाशंकर मिश्रा जी, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख श्री भास्कर दूबे जी, शैक्षिक प्रमुख श्री शैलेश मिश्र, विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष श्री राम कृष्ण चतुर्वेदी जी, लेखिका कु. शिवानी मिश्रा, लेखिका श्रीमती स्मिता मिश्रा जी, लेखक संजय तिवारी जी, एलएमएस के सह संयोजक श्री योगेश कुमार मिश्रा, तकनीकी प्रमुख अमिताभ बैनर्जी जी और मुख्य सचिव श्री आरके तिवारी जी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टंडन जी, प्रमुख सचिव सूचना श्री नवनीत सहगल जी, अपर मुख्य सचिव श्री जितेन्द्र कुमार सहित कई अधिकारी और विद्या भारती के पदाधिकारी मौजूद रहे।


 


                          


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