सर्प मित्र डॉ आशीष ने आज दिल्ली विश्विद्यालय की छात्राओं को सम्बोधित किया 

सर्प मित्र डॉ आशीष ने आज दिल्ली विश्विद्यालय की छात्राओं को सम्बोधित किया 

 



इटावा । सर्प मित्र,ओशन महासचिव वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ आशीष त्रिपाठी ने आज देश की राजधानी दिल्ली के विश्व विख्यात दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली के प्रथम रेंक के विद्यालय मिरांडा हाउस की कई छात्राओं को ऑनलाइन वेबिनार के माध्यम से अपने विशेष व्याख्यान "लेक्चर ऑफ लाइफ" के द्वारा सम्बोधित किया । यह वेबिनार व्याख्यान मिरांडा हाउस की जूलोजिकल सोसाइटी के अंतर्गत व कॉर्डिनेटर डॉ दीपक द्वारा आयोजित किया गया था । आज सर्पो के विभिन्न प्रकार के व्यवहार व उनकी सरलता से पहचान करना, सर्प दंश व उसका इलाज व सर्पो के संरक्षण सहित अन्य कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर वन्यजीव विशेषज्ञ डॉ आशीष द्वारा विस्तार से लेक्चर सेशन में चर्चा की गई। डॉ आशीष ने सर्पो को पहचानने से लेकर सर्प दंश के तुरंत बाद के उपचार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां छात्राओं को प्रदान की व कहा कि सर्प हमारे लिये धरती पर एक बेहद महत्वपूर्ण धरोहर है जो कि, चूहों पर प्राकृतिक रूप से नियंत्रण करने में हमारी सहायता कर हमे कई प्रकार की बीमारियों से भी बचाते है । देवाधि देव महादेव के प्रिय श्रृंगार इन सर्पो से हमे घृणा नही करनी चाहिये। व्याख्यान के अंतिम सत्र में छात्राओं ने डॉ आशीष से सर्पो से जुड़े कई प्रकार के जिज्ञासा भरे प्रश्न भी पूछे जिनका जवाव प्रश्न काल मे दिया गया । अन्त में डॉ निशा ने डॉ आशीष को सर्पो जैसे महत्वपूर्ण विषय पर छात्राओं को व्याख्यान देने के लिये विशेष धन्यवाद दिया । विदित हो कि जन्तु विज्ञान विषय मे कानपुर विश्वविद्यालय से 2010 में डॉक्टरेट उपाधि ले चुके डॉ आशीष वर्तमान में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ जूलॉजिस्ट के अध्यक्ष व स्नेक से सम्बंधित राष्ट्रीय समूह स्नेक बाइट डेथ फ्री इंडिया मिशन के विशेष सक्रिय सदस्य भी है।


डॉ आशीष इससे पूर्व भी लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ में भी अपने विशेष व्याख्यान लेक्चर ऑफ लाइफ के द्वारा देश के विभिन्न भागों से आये कई छात्र छात्राओं को प्रशिक्षित कर चुके है व जनपद इटावा में सर्प मित्र कार्यक्रम भी चला रहे है । डॉ आशीष के इन्ही प्रयासों से अब लोगो ने सर्पो को मारना बन्द कर दिया है व अब लोग कोई भी सर्प दिखाई देने पर उन्हें फोन कर सूचना देते है जिसके बाद रेस्क्यू कर सर्प को उसके प्राकृतवास में छोड़ दिया जाता है।


 


हेल्पलाइन- 7017204213


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