विश्व निमोनिया दिवस आज:सर्दी की दस्तक और निमोनिया का खतरा- जागरूकता है बचाव 

विश्व निमोनिया दिवस आज:सर्दी की दस्तक और निमोनिया का खतरा- जागरूकता है बचाव 


 नवजात व बच्चों में निमोनिया के लक्षणों से रहे सावधान 


प्रयागराज, 12 नवम्बर 2020 – कोविड-19 का संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है पर वैक्सीन आने तक खतरा भी बरकरार है। इसके साथ ही सर्दी ने भी दस्तक दे दी है। सर्दी का मौसम शुरू होने के साथ ही सर्दी, जुखाम, बुखार के साथ निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि ध्यान न दिया जाये तो निमोनिया जानलेवा भी हो सकता है। निमोनिया की रोकथाम व बचाव के लिए विश्व स्तर पर निमोनिया जागरूकता हेतु हर वर्ष 12 नवंबर के दिन विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है। कोविड-19 महामारी के साथ ही निमोनिया होने पर खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है इसको देखते हुए आवश्यकता है कि समय रहते निमोनिया को पहचान कर उसका उपचार कराया जाएI


 जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ए.सी.एम.ओ. डॉ. अमित श्रीवास्तव ने बताया कि निमोनिया का सबसे ज्यादा खतरा नवजात, छोटे बच्चों और वृद्ध लोगों को होता है। नवजात और छोटे बच्चे अपनी परेशानी के बारे में खुलकर नहीं बता सकते इसलिए छोटे बच्चों में निमोनिया के लक्षणों को पहचानना बहुत ही जरूरी है। यदि समय रहते निमोनिया के लक्षणों को पहचान लिया जाए तो अनेक बच्चों की जान बचाई जा सकती है। लगभग 16 प्रतिशत बच्चे को न्युमोकॉकल जीवाणु प्रभावित करता है जिससे बचाव के लिए 13 अगस्त को बाल स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के दिन पी.सी.वी. टीका सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर लांच किया जा चुका है जो की मुफ्त है। निमोनिया जीवाणु और विषाणु दोनों प्रकार से फैलता है। कोविड-19 का संक्रमण विषाणु से होता है। यदि समय रहते निमोनिया की पहचान कर ली जाये तो बचाव किया जा सकता है। छोटे बच्चों को किसी भी बीमारी के लक्षणों के दिखते ही बिना देरी चिकित्सक को दिखाना चाहिए।


बच्चों में निमोनिया के प्रमुख लक्षण –


छोटे बच्चों में सांस तेज चलना, साँस लेने में परेशानी, साँस लेने के साथ घुरघुराहट की आवाज़ आना, खाँसी, बुखार, साँस लेते समय पसलियों का अन्दर की तरफ धंसना आदि निमोनिया के लक्षण हैं।


निमोनिया से बचाव के लिए और संक्रमण होने पर भी नवजात व बच्चों को स्तनपान कराते रहें और गर्माहट देते रहें।


वयस्कों में निमोनिया के लक्षण –


साँस लेते समय या खांसते समय सीने में दर्द होना, साँस लेने में परेशानी, खांसी के साथ बलगम का आना , बुखार होना, पसीना आना और ठण्ड लगना, उलटी-मितली होना, दस्त होना आदि।


वयस्क लोगों में यदि निमोनिया या जुखाम आदि के लक्षण दिखायी दें तो तीन दिन तक ठीक न हों तो तुरंत चिकित्सक को दिखा कर उपचार लेना चाहिए। घरेलु उपचार में काढ़ा और भाप का सेवन आराम दे सकता है पर वर्तमान में कोरोना के खतरे को देखते हुए सर्दी-जुखाम, बुखार व निमोनिया के लक्षण होने बार लापरवाही करना घटक हो सकता है, ऐसे में चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार ही उपचार करना चाहिए। संक्रमण से बचाव के लिए ज़रूरी है कि अपने हाथों को नियमित साबुन व पानी से धोएं और मास्क का प्रयोग करें, इससे कोरोना और निमोनिया दोनों से बचाव होगा।


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