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पंचायत चुनाव :कल से शुरू होगा सूची बनने का काम, इसके बाद होगी गांव के आरक्षण की प्रक्रिया

 


उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में पंचायत चुनाव के लिए प्रादेशिक निवार्चन क्षेत्र के निधार्रण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके लिए जनसंख्या के आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। शुक्रवार से प्रस्तावित सूची बनाने का कार्य शुरू होकर 21 दिसम्बर तक पूरा होगा। आपत्तियों के निस्तारण के बाद तीन से छह जनवरी के बीच निवार्चन क्षेत्रों का निधार्रण करते हुए अंतिम सूची का प्रकाशन हो जाएगा। इसके बाद आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी।

ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसम्बर को पूरा हो रहा है। फरवरी में क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत का कार्यकाल भी पूरा हो जाएगा। अगले निवार्चन के लिए पंचायतीराज विभाग ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पिछले वर्ष जिले में पांच नई नगर पंचायतों के गठन व एक नगर पालिका व एक नगर पंचायत के सीमा विस्तार के चलते 46 ग्राम पंचायतों का वजूद अब समाप्त हो चुका है।

पहले इन ग्राम पंचायतों के अवशेष हिस्सों का बगल की अन्य ग्राम पंचायतों में समायोजन किया गया। इसके बाद नए सिरे से ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत के निवार्चन क्षेत्र का निधार्रण होना है। निवार्चन क्षेत्र का निधार्रण वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए डीपीआरओ ने सभी एडीओ पंचायत से ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का विवरण मांगा था।

हालांकि ये आंकड़े 11 दिसम्बर तक ही जुटाने का समय दिया गया था, लेकिन अभी सभी ग्राम पंचायतों का विवरण एकत्रित नहीं हो सका है। अब शुक्रवार 12 दिसम्बर से निवार्चन क्षेत्रों का निधार्रण भी शुरू होना है। डीपीआरओ राघवेंद्र द्विवेदी ने बताया कि अधिकांश ग्राम पंचायतों से आंकड़े जुटा लिए गए हैं। अगले दो दिन में निवार्चन क्षेत्रों की प्रस्तावित सूची बनाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया जाएगा।

21 दिसम्बर तक प्रस्तावित सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा। इसके बाद 22 से 26 दिसम्बर के बीच प्रस्तावित सूची पर आपत्तियां ली जाएंगी। 27 दिसम्बर से दो जनवरी के बीच आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद तीन से छह जनवरी के बीच अंतिम सूची का प्रकाशन होगा।

पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। शहरी क्षेत्र में शामिल ग्राम पंचायत को छोड़कर अन्य पंचायत निवार्चन क्षेत्रों में नेताओं ने अपना संपर्क अभियान भी शुरू कर दिया है। चूंकि निवार्चन क्षेत्रों का निधार्रण पिछली जनसंख्या के आधार पर ही होना है, इसलिए बहुत अधिक परिवर्तन की गुंजाइश नहीं है। लिहाजा चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने घर-घर पहुंचकर कुशलक्षेम पूछना शुरू कर दिया है। इस बार राजनीतिक दल भी पंचायत चुनाव में हिस्सा लेंगे, लिहाजा उनके कार्यकतार्ओं की भागदौड़ अधिक बढ़ गई है।

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