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पंच-प्रधान या क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ने का मन बना लिए हैं तो सावधान हो जाएं, इन बातों का रखना होगा ध्यान....




पंच-प्रधान या क्षेत्र पंचायत सदस्य पद पर चुनाव लड़ने का मन बना लिए हैं तो सावधान हो जाएं। यह मालूम कर लें कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में किसी प्रकार के बकाएदार तो नहीं हैं। बकाएदार रहते पर्चा दाखिल करेंगे तो चुनाव से बाहर होना पड़ सकता है।त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में दावेदारों के लिए कई लक्ष्मण रेखाएं हैं जिन्हें पार करना महंगा हो सकता है। चुनाव लड़ने के अरमान धरे के धरे रह जाएंगे। नामांकन रद्द किया जा सकता है। इसलिए जरूरी है कि यह मालूम कर लें कि ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत से सम्बंधित कोई बकाया तो नहीं है। बकाया हो तो उसे पहले ही जमाकर नोड्यूज हासिल कर लें। संभावित दावेदारों को इन बातों पर भी गौर करना चाहिए कि चुनाव आचारसंहिता लागू होने के बाद मतदाताओं को अपने पक्ष में मतदान करने के लिए किसी प्रकार का प्रलोभन न दें। मतदाताओं को खिला-पिलाकर उससे अपने पक्ष में मतदान करने का दबाव न बनाएं। शिकायत होने और आरोप पुष्ट होने पर दावेदारी रद्द हो सकती है। इतना ही नहीं, मतदान के दिन मतदान कर्मियों को भी प्रलोभन देना या खिलाना-पिलाना भारी पड़ सकता है।

इन बातों पर करें गौर

ग्राम पंचायत सदस्य पर चुनाव लड़ना है तो ग्राम पंचायत के किसी वार्ड की मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है। प्रधान के लिए भी ग्राम पंचायत के किसी वार्ड की मतदाता सूची में नाम होना चाहिए। क्षेत्र पंचायत सदस्य के लिए सम्बंधित क्षेत्र पंचायत के किसी वार्ड की मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है। पंच-प्रधान या क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के प्रत्याशियों के लिए जरूरी है कि उनकी आयु 21 वर्ष पार हो। इससे कम उम्र के व्यक्ति की प्रत्याशिता रद्द हो जाएगी।

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