धौरहरा खीरी:जब जिम्मेदार अधिकारियों का ही संरक्षण प्राप्त हो तो फिर क्या कहना विकास खंड धौरहरा में एक ग्राम पंचायत अधिकारी राजेश वर्मा के पास विकास खंड की बड़ी बड़ी नौ पंचायतों का जिम्मा है।साथ ही में विकास खंड का बेहद महत्वपूर्ण पद ए डी ओ पंचायत का का भी संभाल रखें हैं। इनकी पंचायतों में सरकार ने तो पानी की तरह पैसा बहाया है लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान ने गांव के विकास की बजाय अपने विकास पर विशेष ध्यान दिया इनकी नौ ग्राम पंचायतों में से केवल एक ही ग्राम पंचायत का जिम्मेदार अधिकारी स्थलीय निरीक्षण कर लें तो दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा।
ग्राम पंचायत वाली के बारह गांवों में से केवल दो गांवों की शौचालय और आवासों की ही तस्वीरों से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सफेदपोश नेताओं और उच्च अधिकारियों के मिले संरक्षण से इन भ्रष्टाचारियों के हौंसले कितने बुलंद हैं। आपको बताते चलें कि विकास खंड धौरहरा की ग्राम पंचायत वाली व जंगलवाली में प्रधानमंत्री की स्वचछ भारत मिशन योजना के तहत बनाए गए शौचालयों की स्थिति बेहद दयनीय है। यहां तक केवल बारह गांवों में से दो गांव में लगभग शौचालयों जर्जर व कुछ गिरने स्थिति में है पता नहीं कितने समय गिर जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता है ऐसा अंदाजा लगाया जा सकता है कि समय रहते अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तों किसी दिन मुरादनगर की घटना जैसी शिकार हों सकतीं ।
आपकों बता दें ग्राम पंचायत जंगलवाली के पहडियापुर बजार में अर्धनिर्मित समुदायिक भवन कि दिवार व लिंटर दरार देकर इन भ्रष्टाचारों की पोल खोलने के लिए मजबूर हैं।
कुछ लाभार्थियों का कहना है कि ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत अधिकारी ठेकेदारों को यह जिम्मा सौंप दिया जो कमीशन खोरी के चलते घटिया सामग्री का प्रयोग करके सरकार की इस योजना को पलीता लगाने और जनता में भ्रष्टाचार का संदेश देने काम किया जा रहा है।
उक्त मामले को लेकर नवनियुक्त जिला पंचायत राज अधिकारी सौम्यशील से बात की गई तों उन्होंने गंभीरता से प्रकरण लेते हुए बताया कि संबंधित ग्राम पंचायत का स्थलीय निरीक्षण करके जांच कराई जाएगी और अनियमितताएं मिलने पर संबंधित प्रधान और सचिव के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी।
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