स्वचछ भारत मिशन बना मजाक केशवापुर खुर्द में दो शौचालय बनने के कुछ दिन बाद धरातल से ही हो गये गायब

स्वचछ भारत मिशन बना मजाक केशवापुर खुर्द में दो शौचालय बनने के कुछ दिन बाद धरातल से ही हो गये गायब



धौरहरा खीरी:प्रदेश की योगी सरकार पूरे प्रदेश में विकास की गंगा बहाने का दावा करती है। जिसके लिए वह लगातार जन उपयोगी योजनाएं लागू कर रही है । जनता की सुविधा के लिए वह शौचालय, आवास,डस्टबिन, कंपोस्ट खाद के लिए गड्ढे, तथा मनरेगा के अंतर्गत रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैैं जिन्हें लागू कराने के लिए जीरो टालेंस की नीति अपना रही है। लेकिन खीरी जनपद के विकास खंड धौरहरा की कुछ पंचायतों में विकास की गंगा केवल कागजों पर ही सिमट कर रह गई।उन पंचायतों के प्रधान और सचिव को योगी सरकार का कोई भय नहीं है। जिम्मेदार गांव के विकास की बजाय अपना विकास करने में व्यस्त हैं।

आइए हम बात करते हैं विकास खंड धौरहरा की ग्राम पंचायत केशवापुर खुर्द और और समदहा की।स्थलीय स्थिति के आधार पर ग्रामीणों के अनुसार देश के प्रधानमंत्री का सबसे ड्रीम प्रोजेक्ट स्वचछ भारत मिशन की ऐसी धज्जियां उड़ाई गई हैं जिसका जीता जागता उदाहरण विकास खंड धौरहरा में ग्राम पंचायत अधिकारी प्रभारी ए डी ओ राजेश वर्मा की पंचायतों में है। आपको बताते चलें ग्राम पंचायत केशवापुर खुर्द में शायद एक पंचवर्षीय के लिए ही शौचालय निर्माण कराए गए थे।जो पांच वर्ष में ही जर्जर हो चुके हैं। यही नहीं कुछ शौचालय तो बनने के कुछ दिन बाद ही धराशाई हो गए थे जिनका अब नामोनिशान नहीं है। हां बात करते हैं


 केशवापुर खुर्द में अनिल कुमार पुत्र भाई लाल और रामचंद्र पुत्र मोतीलाल की।इन दोनों लाभार्थियों के शौचालय बनने के कुछ दिन बाद ही धराशाई हो थे।इनका कहना है प्रधान और सचिव ने घटिया सामग्री लगा कर अपने आप ठेके पर बनवाया था। वहीं हरिपाल पुत्र जिया राम के शौचालय की आधी छत ही गिर गई। उन्होंने बताया कि बनने के थोड़े दिन बाद ही इसकी छत गिर गई थी । इससे एक हादसा होने से बच गया था। ऐसे ही पूरी पंचायत में शौचालयों की दयनीय स्थिति है। अब बात करते हैं ग्राम पंचायत समदहा की तो वहां पर भी प्रधान और सचिव का गठजोड़ स्वच्छ भारत मिशन को पलीता लगा रहा है।स्थलीय स्थिति के अनुसार शौचालयों की स्थिति बेहद दयनीय है।आधे से ज्यादा शौचालय गिरने के कगार पर हैं।स्थलीय स्थिति के अनुसार लगता है कि यह योजना केवल पांच वर्षों के लिए बनाई गई थी। यही स्थिति ग्राम पंचायत वाली और जंगल वाली में बनी हुई है। सरकार के करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी स्वचछ भारत मिशन मजाक बन कर रह गया।या तो प्रधान और सचिव ने इस योजना को पूरी तरह से धरातल पर लाने का प्रयास ही नहीं किया।अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर कार इस योजना का जिम्मेदार कौन होगा। यदि जिम्मेदार अधिकारी वाली, जंगल वाली,केशवापुर खुर्द और समदहा का स्थलीय निरीक्षण करके सत्यता की जांच करें तो विकास की वास्तविक स्थिति का खुलासा होगा और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकेगा। अब प्रश्न यह उठता है कि सरकार की जीरो टालेंस की नीति के बावजूद प्रधान और सचिव को जरा सा भय नहीं है। जनता ने प्रधान को गांव के विकास के लिए चुना था न कि अपने के लिए। और सरकार ने सचिव को पंचायतों में विकास की देखरेख के लिए नियुक्त किया था लेकिन सचिव भी सरकार के मंसूबों पर पानी फेर कर प्रधान के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को चरम पर पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।


 आखिर कार पंचायतों में स्वचछ भारत मिशन की धज्जियां उड़ाई जा रही यह सब ब्लाक स्तर से जिले के जिम्मेदार अधिकारियों तक संज्ञान में है फिर भी जिम्मेदार आखिरकार मौन क्यों हैं। कहीं ऐसा तो नहीं ग्राम पंचायत अधिकारी राजेश वर्मा की राजनीति में अच्छी पकड़ के आगे जिम्मेदार अधिकारी धौरहरा विकास खंड की ग्राम पंचायत वाली, जंगलवाली,समदहा,केशवापुर खुर्द, रायपुर, सरगड़ा, सहित इनके पास की अन्य पंचायतों में विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण और इनका स्थानांतरण करने में कतरा रहे हैं।

इस संबंध में जब जिला पंचायत राज अधिकारी सौम्यशील सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यदि शौचालय गिर गये हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जायेगी।

वही खंड विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया ग्राम पंचायत में मौके पर जाकर जांच करूंगा। शौचालय गिरने की जानकारी हमें नहीं है। यदि प्रधान और सचिव ने शौचालयों को घटिया सामग्री से ठेके से बनवाया है तो उसकी जांच करा कर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

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