एक्शनएड की ओर से अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर स्कूल में लगाए गए पौधे

एक्शनएड की ओर से अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस पर स्कूल में लगाए गए पौधे




अंतरराष्ट्रीय वन दिवस हर वर्ष 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दुनिया भर में मनाया जाता है ताकि पृथ्वी पर जीवन चक्र को संतुलित करने के लिए वनों के मूल्यों, महत्व एवं योगदान के बारे में समुदायों के बीच सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाई जा सके।

इसी को ध्यान में रखते हुए एक्शनएड के सहयोग से महाराजगंज जनपद के निचलौल क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय शीतलापुर में अध्यापक बंधुओं के साथ पौधारोपण कार्यक्रम किया गया। तथा वन के महत्व पर चर्चा किया गया कि कृषि कि अन्य शाखाओं की तरह वानिकी भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिस पर जनता का ध्यान जाने की आवश्यकता है आम जनता के लिए कच्चे माल का स्रोत के साथ-साथ राष्ट्रीय आय के स्रोत के रूप में हमारे दैनिक जीवन मैं वन मूल्य को समझना बहुत ही आवश्यक है।

      पृथ्वी पर पानी इकट्ठा करने और छोड़ने में वन, वनस्पतियों और जीवो का आवाज संतुलन को बनाए रखने में महान भूमिका है वन पृथ्वी पर प्राकृतिक सौंदर्य है जो संतुलन में सब कुछ जाने के लिए संरक्षित किए जाने की बहुत ही आवश्यक है। विश्व भर में तेजी से हो रही जंगलों की सफाई के कारण पेड़-पौधों की दुर्लभ प्रजातियां और जीव-जंतुओं की दुर्लभ प्रजातियां तेजी से विलुप्त हो रही हैं. इसके अतिरिक्त पेड़ों की निरंतर घटती संख्या से एक ओर जहां ग्लोबल वार्मिंग की समस्या तेजी से बढ़ रही है तो वहीं पर्यावरण और प्रकृति का संतुलन भी बिगड़ रहा है। 

       आज बढ़ते प्रदूषण और वनों की हो रहे अंधाधुंध कटाई के कारण ही कई ग्लेशियर लुप्त होने की कगार पर है तो वही ग्लोबल वार्निंग का भी खतरा बढ़ रहा है। जिसके कारण आज मौसम में बदलाव देखने को मिल रहे हैं आज के समय देखा जाए तो बे मौसम बरसात और मौसम के अनियमित होने के कारण किसानों को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है। अगर जंगलों को उजड़ने से नहीं रोका गया और नए पौधे नहीं लगाए गए तो विश्व भर के जीव जंतुओं और मनुष्य के जीवन पर पूर्ण विराम लग जाएगा।

आज से पहले पृथ्वी की कुल क्षेत्र का लगभग 50 प्रतिशत वन से ढका हुआ था परंतु आज यह घट कर मात्र 30% पर रह गया है और अगर वनों की अंधाधुंध कटाई पर रोक नहीं लगाया गया तो इसके कम होने की पूरी संभावना है।

अगर भविष्य में वनों की संख्या में वृद्धि नहीं होती है तो मनुष्य की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन के साथ-साथ पीने के लिए स्वच्छ जल, सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, और अन्न उगाने के लिए मिट्टी की कमी हो जाएगी। जीव जंतु और मनुष्यों को जीवित रहने के लिए सांस लेना अत्यधिक आवश्यक है। और पृथ्वी पर मानव सहित सभी जीव जंतु ऑक्सीजन के कारण ही जीवित हैं वन बड़ी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड सोखकर कर ऑक्सीजन में बदल देते हैं। इस कार्यक्रम में प्रधानाध्यापक श्री रवि जायसवाल, अध्यापक श्री दीलिप सिंह, श्रीमती राज श्री यादव, और तारा चंद महाविद्याल निचलौल के प्रोफेसर श्री हेमंत कुमार यादव तथा एक्शनएड से उपेन्द्र शुक्ला, स्थानीय संजय यादव आदि उपस्थित रहे।

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