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खुश खबरी : पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को मिलेंगे किसान क्रेडिट कार्ड, होगा ये बड़ा लाभ


प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम (PM-Kisan samman nidhi scheme) का लाभ पाने वाले सभी किसानों को मोदी सरकार किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) का लाभ भी देगी. इससे उन्हें खेतीबाड़ी के लिए पैसे आसानी से मिल जाएंगे. इस मामले में साहूकारों पर निर्भरता खत्म होगी.इसके तहत 1.60 लाख रुपये तक का कर्ज लेने पर किसान को कोई गारंटी नहीं देनी होगी. पहले यह सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये तक ही थी. एक तरह से सरकार ने पीएम-किसान योजना को केसीसी से लिंक कर दिया है. ताकि पीएम किसान स्कीम के रिकॉर्ड पर ही किसान को केसीसी का फायदा मिल सके.दरअसल, देखा यह गया है कि बैंकों की नीयत किसानों को कर्ज के रूप में पैसा देने की नहीं होती है. किसान क्रेडिट कार्ड बनाने में बैंकर अन्नदाता को काफी परेशान कर देता है. सरकार (Modi Government) और आरबीआई (RBI) के आगाह करने के बाद भी सच्चाई ये है कि बैंक अधिकारी गांवों में जाकर न तो केसीसी बनाने का कैंप लगा रहे हैं और न तो किसान के बैंक आने पर उससे ठीक व्यवहार कर रहे हैं.इसलिए अब तक देश के आधे किसानों के पास ही केसीसी की सुविधा है. बाकी या तो सरकारी क्रेडिट से बाहर हैं या फिर साहूकारों से मोटे ब्याज पर पैसा लेकर खेती करने पर मजबूर हो रहे हैं. कृषि अर्थशास्त्री देविंदर शर्मा के मुताबिक “41 फीसदी लघु एवं सीमांत किसानों को सरकारी लोन नहीं मिल पाता. मतलब वे क्रेडिट प्रणाली से बाहर हैं.” ऐसे में सरकार ने नया तोड़ निकालते हुए पीएम-किसान के सभी वेरीफाइड लाभार्थियों को केसीसी से जोड़ दिया.बजट में इसका फैसला लिया गया था. अब जमीनी स्तर पर इसको लागू करने का काम शुरू कर दिया गया है. सरकार किसानों को उसके जमीन के कागजात और आधार बेरिफिकेशन के बाद ही हर साल 6-6 हजार रुपये दे रही है. ऐसे में यह रिकॉर्ड अब क्रेेडिट कार्ड बनाने में भी काम आएगा.


कितना है कृषि कर्ज देने का टारगेट?


मोदी सरकार का दावा है कि लगातार तीन साल से कृषि कर्ज टारगेट से अधिक दिया जा रहा है. इसलिए 2020-2021 के बजट में सरकार ने इसे बढ़ाकर 15 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. सरकार चाहती है कि किसान साहूकारों से मोटी रकम पर कर्ज लेने के लिए मजबूर न हों. वो सरकारी संस्थाओं से लोन लें.किसानों पर कितना है कर्ज का बोझ?कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के हर किसान पर औसतन 47 हजार रुपये का सरकारी कर्ज है. जबकि हर किसान पर 12130 रुपये का औसत कर्ज साहूकारों से लिए गए पैसे का है. एनएसएसओ की ओर से 2013 में किए गए एक सर्वे में पता चला है कि किसान परिवारों ने करीब 40 फीसदी जमींदारों, पेशेवर साहूकारों और व्यापारियों से लिया है.


क्या है किसान क्रेडिट कार्ड?


किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से 3 लाख रुपये तक का लोन दिया जा रहा है. इसके तहत सरकार किसानों को 7 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का कर्ज देती है. जो समय पर भुगतान करता है उन्हें ब्याज पर 3 फीसदी की और छूट मिलती है. ऐसे में अंतिम ब्याज दर 4 फीसदी ही आती है.


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