जब तक सूरज-चांद रहेगा, इंदिरा गांधी का नाम रहेगा” : कांग्रेस

जब तक सूरज-चांद रहेगा, इंदिरा गांधी का नाम रहेगा” : कांग्रेस

“जब तक सूरज-चांद रहेगा, इंदिरा गांधी का नाम रहेगा” : कांग्रेस


पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को जन्मदिन पर कांग्रेस ने किया याद


पुष्पांजलि कार्यक्रम में पहुंचे सैकड़ों की संख्या में कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता


ब्यूरो कार्यालय (कानपुर):लेडी ऑयरन के नाम से मशहूर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जन्म दिवस पर पर शहर कांग्रेस कमेटी की तरफ से पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। माल रोड स्थित नरौना चौराहा के पास इंदिरा गांधी के प्रतिमा स्थल पर जुटे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुष्प अर्पित कर पूर्व प्रधानमंत्री को याद किया।


इन्दिरा गांधी प्रतिमा की साफ़ सफाई के साथ पूरे परिसर को तिरंगे झंडों और रंग-बिरंगे फ़ूलों से सजाया गया। शहर कांग्रेस कमेटी के प्रेसीडेंट हर प्रकाश अग्निहोत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने “जब तक सूरज-चांद रहेगा, इन्दिरा जी का नाम रहेगा” के गगन भेदी नारे लगाए। पूर्व सांसद राजाराम पाल ने इन्दिरा जी को विश्व स्तर का यशस्वी नेता बताते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।


पुष्पांजलि सभा को संबोधित करते हुए अध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री ने कहा कि इंदिरा गांधी भारत की ऐसी महान और शक्तिशाली नेता थीं, जिनके नेतृत्व का लोहा सारी दुनिया ने माना था। दुनिया के 136 देशों ने उनका नेतृत्व स्वीकार कर उन्हें विश्व नेत्री का खिताब दिया।


उन्होंने कहा कि यह इन्दिरा गांधी की नेतृत्व क्षमता थी कि अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश के सातवें बेड़े की न सिर्फ धज्जियाँ उड़ा कर रख दी थीं, बल्कि एक लाख पाकिस्तानी सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं पाकिस्तान को दो टुकड़ों बांट दिया। इन्दिरा गांधी ने बांग्लादेश का निर्माण कराने के साथ पाकिस्तान की कमर हमेशा हमेशा के लिए तोड़ कर रख दी। इंदिरा गांधी अपने देश को कितना प्यार करती थीं यह बात इसी से समझ में आती है कि उन्होंने देश के लिए खुद का बलिदान दे दिया पर देश की एकता अखंडता पर आंच नहीं आने दी।


कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ नेता अशोक धानविक और संयोजन वार्ड अध्यक्ष सुधीर साहू ने किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, शंकर दत्त मिश्र, संजीव दरियावादी, इकबाल अहमद, निजामुद्दीन खा, कृपेश त्रिपाठी, कमल शुक्ला बेबी, मदन मोहन शुक्ला, महेंद्र त्रिपाठी पुत्तू, अतहर नईम, सुनील राठौर, डॉ. रमा शुक्ला, सुबोध बाजपेयी, कमल जायसवाल, सैमुअल लकी सिंह, नौशाद आलम मंसूरी, मो. आसिफ़, विकास सोनकर, रामनारायण जैस, लल्लन अवस्थी, सुरेश अग्रहरि, मुन्ना खान, कौशल किशोर साहू, दीपक धवन, संजय सिंह चौरसिया, ज़फ़र शाकिर बृजभान राय, राजेन्द्र द्विवेदी सप्पू, देवी प्रसाद तिवारी, कालिका प्रसाद तिवारी, गुड्डे मंसूरी, संदीप चौधरी, विनय श्रीवास्तव, काजी अजीज उल्ला, सुरेंद्र तिवारी, ज़फ़र अली लखनवीं आदि मौजूद रहे।


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