आगरा :-भ्रष्टाचार मुक्त उत्तर प्रदेश का सपना नागरिकों को दिखा योगी आदित्यनाथ ने e टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण रूप से लागू कर कार्यों में पारदर्शिता दिखाई थी और टेंडर प्रक्रिया में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिये हर संभव प्रयास भी जारी रखे हुए हैं। पर सरकार बनने से पहले लोगों ने भ्रष्टाचार मुक्त यूपी का जो हसीन सपना देखा था ,वो नींद टूटने के बाद की हकीकत सुनकर उन्हें सन्न कर रहा है। अधिकारियों ने तो जैसे तय कर लिया है , कि कुछ भी करो साहब ! हम नहीं सुधरेंगे"अगर बात करें आगरा के नगर निगम के ठेकेदारों की तो बहुत ज्यादा ब्लो रेट पर टेंडर डाल कर भी मुनाफा कमा रहे हैं। ठेकेदार 10 प्रतिशत से 40 प्रतिशत तक ब्लो रेट पर टेंडर डाल रहे हैं। इससे सवाल खड़े हो रहे हैं कि जो ठेकेदार 40 प्रतिशत तक ब्लो रेट में ठेका लेंगे वह निर्माण कार्य में अच्छी गुणवत्ता कैसे देंगे। पिछले दिनों ही टेंडर निकले, जिसमें 30 से 40 परसेंट ब्लो टेंडर आए थे बात की जाए तो निगम के जूनियर इंजीनियर और पुराने ठेकेदार में सांठगांठ रहती है। वो चाहे टेंडर 30% डाले या 40 परसेंट उनको मुनाफा मिलता ही मिलता है सूत्रों की माने तो जिस चहिते ठेकेदार को वह काम दिलाना चाहते हैं उसको कार्य के एस्टीमेट में ढील दे दी जाती है और यदि वही ठेका किसी अन्य ठेकेदार को मिल जाता है तो उससे एस्टीमेट टू एस्टीमेट कार्य कराया जाता है इस वजह से नये ठेकेदार को घाटा हो जाता है और वो ठेकेदारी बंद कर देता है। इन्ही कारणों से नए ठेकेदारों का दिन-प्रति-दिन सरकारी विभागों से रुझान खत्म होता जा रहा है और पुराने ठेकेदार हर सरकार में मलाई काट रहे हैं। सरकार चाहे जो भी आ जाए कितने भी कड़े नियम बना ले पर सरकार के ये नौकरशाह अपनी सरकार की साफ छवि पर दाग़ लगाने से बाज नही आ रहे हैं। शासन स्तर पर नियम बनाकर अधिक ब्लो टेंडरो पर अंकुश लगाना चाहिए जिससे कार्यों की गुणवत्ता बनी रहे और योगी सरकार की सबका साथ सबका विकास वाली बात भी साबित हो सके।
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