मैथिली शरण गुप्त की रचनाएँ हिन्दी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं - विश्वेश

मैथिली शरण गुप्त की रचनाएँ हिन्दी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं - विश्वेश



रामनगर बाराबंकी:मैथिली शरण गुप्त की रचनाएँ हिन्दी साहित्य की अनमोल धरोहर हैं।समाज के प्रति उनका दृष्टिकोण तथा मानव जीवन एवं राष्ट्र के प्रति प्रेम व्यक्त करने का तरीका उनको महान रचनाकार बना देता है। रामनगर पी०जी०कालेज रामनगर बाराबंकी के हिंदी विभाग में मैथलीशरण गुप्त की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर विश्वेश मिश्र ने कही।.विभागाध्यक्ष डॉ अखिलेश वर्मा ने कहा की भारत की महान किन्तु उपेक्षित नारियों के प्रति भी गुप्त जी ने सराहनीय कार्य किया है साकेत की कैकेयी का अनुताप हो,उर्मिला की व्यथा,या यशोधरा का स्वाभिमान सभी में नारी हृदय की पीड़ा को यथोचित सम्मान दिया गया है।ऐसे महान साहित्यकार को हम भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते है। इस मौके पर भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अकबाल बहादुर सिंह, वी.एड. विभाग के प्रोफेसर डॉ ऋषिकेश मिश्रा तथा हिंदी विभाग के डॉ एमपी शुक्ला आदि लोग उपस्थित रहे।

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