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फिर से ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ने वालों के लिए जरूरी होगा यह काम, वरना पर्चा हो जाएगा खारिज


 यूपी में ग्राम प्रधान, बीडीसी, जिला पंचायत सदस्यों के लिए होने वाले चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। पंचायतीराज विभाग ने भी अगले साल राज्य में होने वाले अपना प्रस्तावित कार्यक्रम तैयार कर लिया है। पंचायतों के नए सिरे से आरक्षण की प्रक्रिया आगामी 21 फरवरी को पूरी हो जाएगी। वहीं ग्राम पंचायत चुनाव के नजदीक आने की सुगबुगाहट के साथ ही वर्तमान ग्राम प्रधानों ने फिर से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।


अब चुनाव आयोग के निर्देश पर वह ग्राम प्रधान फिर से चुनाव नहीं लड़ सकेंगे, जिन पर पंचायतराज विभाग का कुछ बकाया है। ऐसे ग्राम प्रधानों को धनराशि जमा कर एनओसी लेनी होगी।

गांव में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों ने जरूरी कागज जुटाने शुरू कर दिए हैं। अब वर्तमान ग्राम प्रधानों को फिर से चुनाव लड़ने से पहले पंचायतराज विभाग से एनओसी लेनी होगी। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में


कई शिकायतें अनियमितताएं हुई थीं। शिकायत के आधार जिला प्रशासन की ओर से जांच कमेटी गठित की गई थी।

इन कमेटियों ने कई ग्राम प्रधानों पर रिकवरी निकाली थी। इनमें से कई ऐसे ग्राम प्रधान हैं, जिन्होंने अभी तक रिकवरी की धनराशि जमा नहीं की है। अब इन ग्राम प्रधानों को फिर से चुनाव लड़ने के लिए रिकवरी की धनराशि जमा करनी होगी, जिससे एनओसी मिल सके। धनराशि जमा नहीं करने वाले ग्राम प्रधानों को एनओसी नहीं मिल सकेगी।

जानिए क्या है पंचायतीराज विभाग का प्रस्तावित शेड्यूल :

– पंचायतों के पुर्नगठन का काम 22 दिसम्बर से 31 दिसम्बर के बीच चलेगा।

– एक जनवरी से 20 जनवरी तक परिसीमन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

राज्य स्तर पर पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया 21 जनवरी से 30 जनवरी के बीच पूरी की जाएगी।

– जिला स्तर पर आरक्षण एक फरवरी से 21 फरवरी के बीच पूरा किया जाएगा।

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