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किसान महापंचायत के सहारे सिख मतदाताओं की सेंधमारी में



 कृषि बिल कानून की वापसी होती है या नहीं या तो अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन जिस तरीके से छोटे चौधरी किसानों की महापंचायत मैं सक्रियता बढ़ी है उससे राजनीतिक नफा नुकसान के आकलन की चर्चा शुरू हो गई है राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो पश्चिम में जहां जाट समुदाय के मतदाताओं पर आरएलडी का प्रभाव पड़ा है वही तराई में सिख समुदाय के लोगों में भी आरएलडी ने सेंधमारी शुरू कर दी इस बात की चर्चा लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर कस्बे में आयोजित किसान महापंचायत में सिख समुदाय के उमड़े जनसैलाब राजनीतिक गलियारों में जोर शोर से शुरु हो गई

आपको बता दे गुरुवार को जिले के संपूर्णानगर कस्बे में एक किसान महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत चौधरी शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी पहुंचे जहां पब्लिक इंटर कॉलेज के मैदान में उमरे सिख समुदाय के जन सैलाब को देखकर छोटे चौधरी क गदगद हो गए उन्होंने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए सरकार पर तीखे हमले किए उन्होंने कहा कृषि कानून के विरोध में आज देश का अन्नदाता 3 महीने सड़कों पर है लेकिन अंधी और बहरी हो चुकी सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं 200 से अधिक किसान इस आंदोलन में शहीद हो चुके हैं लेकिन मौजूदा सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा है इससे यह साबित होता है कि सरकार किसान विरोधी है उन्होंने गन्ना भुगतान को लेकर 20 सरकार को आड़े हाथों लिया छोटे चौधरी ने कहा कि 14 दिन में गन्ना भुगतान का दावा करने वाली सरकार आज कहां सो रही है किसानों का अरबों रुपए चीनी मिल दबाए बैठी है आखिर चीनी मिल मालिक गन्ना किसानों का भुगतान क्यों नहीं कर रहे हैं महापंचायत को संबोधित करते हुए उन्होंने अपने बाबा चौधरी चरण सिंह की सरकार की याद दिलाते हुए किसानों से कहा कि आज किसानों के पास जो जमीन है वह उनके बाबा की नीतियों की देन है करीब 1 घंटे तक महापंचायत मैं शिरकत करने के बाद छोटे चौधरी दिल्ली रवाना हो गए लेकिन इसके बाद से राजनैतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया राजनीतिक विशेषज्ञ की माने तो छोटे चौधरी मिनी पंजाब का जाने वाले

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