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आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर समेत 3 पुलिस अधिकारियों को अनिवार्य रूप से किया रिटायर



यूपी में आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर समेत 3 पुलिस अधिकारियों को अनिवार्य रूप से रिटायर कर दिया गया है इन अधिकारीयों की सेवा समापति के बाद आईपीएस मणिलाल पाटीदार व जेल में बंद आईपीएस अरविंद सेन समेत कई पुलिसकर्मियों की नौकरी पर संकट के बदल मंडरा रहे है खासतौर पर आईपीएस मणिलाल पाटीदार का नाम इस लिस्ट में सबसे ऊपर है। बस्ती के दरोगा दीपक सिंह व बिकरु कांड में दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों की सूची तैयार की गई है। इन कर्मियों की नौकरी से सेवाएं भी गृह विभाग समाप्त कर सकता है। गृह विभाग ने इसको लेकर एक रिपोर्ट तैयार करके समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। बीते साल सितंबर से फरार चल रहे हैं IPS मणिलाल पाटीदार उत्तर प्रदेश की महोबा के क्रशर कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत के बाद उसके भाई रविकांत त्रिपाठी ने पूर्व एसपी हत्या और भरष्टाचार का मुक़दमा दर्ज कराया था इस मामले में महोबा के तत्काली एसपी मणिलाल पाटीदार, कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला, ब्रह्मदत्त, सुरेश सोनी और अन्य पुलिसकर्मी नामजद हुए हैं। एफआईआर में बताया कि , विस्फोटक डीलर सूर्या केमिकल के सुरेश सोनी व अजय इंटरप्राइजेज के ब्रह्मदत्त से तत्कालीन कप्तान मणिलाल पाटीदार हर महीने छह लाख रुपये लेते थे। इसका रिकार्ड इंद्रकांत के पास था। वहीं बस्ती के दरोगा दीपक सिंह की गिरफ्तारी के बाद उनकी नौकरी से भी सेवाएं समाप्त की जाएगी। कानपूर बिकरु कांड में 11 अफसर समेत कई पुलिसकर्मी दोषी पाए गए है इस सभी पुलिसकर्मियों की सेवाएं समाप्त की जाएँगी इस मामले को लेकर गृह विभाग के द्वारा के विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है रिपोर्ट के मुताबिक कौन सा पुलिसकर्मी कहां तैनात है । नौकरी के रिटायरमेंट के 2 दिन पहले कोर्ट में सरेंडर करने वाले बर्खास्त IPS अरविंद सेन पर भी शासन सख्त नजर आ रहा है। IAS एमपी पांडेय निलंबित अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के प्रमुख सचिव बीएल मीणा को उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के प्रशासन बनाए जाने का फ़ैसला किया है। 16 मार्च को मीणा को प्रशासन बनाया गया था। इस फैसले को असद अली खान ने हाई कोर्ट लखनऊ की खंडपीठ में चुनौती दी थी। विभागीय सूत्रों के मुताबिक बोर्ड में 20 अप्रैल को चुनाव कराए जाएंगे। वहीं राज्य सरकार ने IAS अधिकारी नरेंद्र प्रताप पांडे को निलंबित कर दिया। एनपी पांडे को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रेक्षक नियुक्त किया गया था। उनके ऊपर चुनाव ड्यूटी के दौरान एक महिला के साथ अभद्रता करने का आरोप है। जांच में प्रथम दृष्टया आरोप सही जाने पाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने राज्य सरकार से पांडेय के निलंबन की सिफारिश की थी। इसके बाद 2010 बैच के IAS जो कि उत्पादन आयुक्त शाखा में विशेष सचिव के पद पर तैनात रहे। पांडेय को निलंबित कर दिया गया है और राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।

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